आज कल दांतो को लेके ज्यादा मात्रा मे समस्या ऐ हो रही हे| एक सर्वेक्षण के दौरान भारत मे 80% बच्चे दांत के रोगों से पीड़ित हे| जब विकसित देशो मे भी दांतो के दर्दीओ की संख्या सबसे ज्यादा हे | चॉकलेट, बिस्किट, आइसक्रीम, फास्टफूड वगेरा प्रकार के आहार से दाँत के विविध रोग होते हे| ज्यादा मात्रा मे दांतो मे पीडा होने से हमें कई बार दाँत निकलवाने पड़ते हे जो बहुत ही भयंकर बात हे|
पच्छिमी संस्कृति के अंधे अनुसरण के कारण हम हमारे पुराने ज़माने मे दांतो को साफ करने के लिए उपयोग किया जाते देशी दांतुन को तो भूल ही गए| जो की नीम के लकड़ी का बना होता हे| दांतो की सफाई के लिए देशी दांतुन ही श्रेष्ढ हे| दांतुन के बाद दंतमंजन को दूसरा स्थान दे सकते हे|
दातुन कई प्रकार के वृक्षों मे से ले सकते हे जेसे की वड, नीम, देशी बावल, करंज, खेर, इमली,आमला, दाड़म, पीपर, पिपला, झील, वज्रदंती वगेरा हे| इसमें मे से कोई भी की लकड़ी का आप दातुन बनके इस्तेमाल कर सकते हो| ये सब इस ज़माने के इंग्लिश टूथब्रश से बहुत ज्यादा फायदा कारक हे|
ये सब दातुन मे से सबसे ज्यादा नीम और देशी बावल का उपयोग होता हे| नीम का वैज्ञानिक नाम ऐजादीराकता इंडिका हे| नीम मूल भारतीय पानखर पेड़ हे| नीम के दातुन एज़ाडिरक्टिन, मार्गोसीन, टेनिन, शर्करा वगेरे होता हे|
देशी बावल का वैज्ञानिक नाम एकेसिया निलोटिका हे| देशी बावल की 2-3 प्रजातियां हे| उसमे टेनिन, शर्करा, क्षार वगेरे होता हे| ये दातुन करने से पायोरिया, दंतसुल, दांतो के दाघ हटा सकते हे|
दांतुन के अलावा दूसरे स्थान पे दन्तमंजन आता हे| दन्तमंजन को ब्रश या ऊँगली पे लेके दांतो को साफ कर सकते हे| दन्तमंजन के कई प्रकार हे जेसे की प्रभाकर दन्तमंजन, दन्तरक्षक चूर्ण, काला दन्तमंजन, सफ़ेद दन्तमंजन और सुगन्धित दन्तमंजन|
पच्छिमी संस्कृति के अंधे अनुसरण के कारण हम हमारे पुराने ज़माने मे दांतो को साफ करने के लिए उपयोग किया जाते देशी दांतुन को तो भूल ही गए| जो की नीम के लकड़ी का बना होता हे| दांतो की सफाई के लिए देशी दांतुन ही श्रेष्ढ हे| दांतुन के बाद दंतमंजन को दूसरा स्थान दे सकते हे|
दातुन कई प्रकार के वृक्षों मे से ले सकते हे जेसे की वड, नीम, देशी बावल, करंज, खेर, इमली,आमला, दाड़म, पीपर, पिपला, झील, वज्रदंती वगेरा हे| इसमें मे से कोई भी की लकड़ी का आप दातुन बनके इस्तेमाल कर सकते हो| ये सब इस ज़माने के इंग्लिश टूथब्रश से बहुत ज्यादा फायदा कारक हे|
ये सब दातुन मे से सबसे ज्यादा नीम और देशी बावल का उपयोग होता हे| नीम का वैज्ञानिक नाम ऐजादीराकता इंडिका हे| नीम मूल भारतीय पानखर पेड़ हे| नीम के दातुन एज़ाडिरक्टिन, मार्गोसीन, टेनिन, शर्करा वगेरे होता हे|
देशी बावल का वैज्ञानिक नाम एकेसिया निलोटिका हे| देशी बावल की 2-3 प्रजातियां हे| उसमे टेनिन, शर्करा, क्षार वगेरे होता हे| ये दातुन करने से पायोरिया, दंतसुल, दांतो के दाघ हटा सकते हे|
दांतुन के अलावा दूसरे स्थान पे दन्तमंजन आता हे| दन्तमंजन को ब्रश या ऊँगली पे लेके दांतो को साफ कर सकते हे| दन्तमंजन के कई प्रकार हे जेसे की प्रभाकर दन्तमंजन, दन्तरक्षक चूर्ण, काला दन्तमंजन, सफ़ेद दन्तमंजन और सुगन्धित दन्तमंजन|
देशी दातुन के फायदे:-
- ये दातुन सस्ते मे मिल जाता हे ओर यदि हम खुद काटे तो मुफ्त मे भी मिल जाता हे|
- इस दातुन मे ब्रश की जरूरत पडती नई हे| ओर इसे ताज़ा काट के लाये होने से चेप भी नई लगता हे|
- दातुन चबाने से दाढ़, दांत, जड़बे की कसरत होती हे | खास करके दाढ़ की कसरत ज्यादा होती हे|
- दातुन मे उलिया ओर टूथपेस्ट की जरूरत होती नई हे|
- विविध प्रकार के वृक्षों के दातुन होने से हम स्वाद ओर रूचि अनुसार का दातुन कर सकते हे|
- ये दातुन स्वाद मे बहुत वैविद्या पूरा करता हे | हररोज नये नये वनस्पति के दातुन करने चाहिए|
- दातुन कंटकविहीन ओर पर्णविहीन होना चाइये जिसे उसे अच्छे से चबा सके|
- दातुन हमेशा सीधा सीधा होना चाहिए|
तो आज हमने देशी दातुन के फायदे जाने जो की ब्रश से कई ज्यादा अच्छा हे| हमें आशा हे की आप दातुन के फायदे के बार मे जान गए होंगे ओर आपके जीवन मे उसका उपयोग चालू करेंगे|
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